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इंजीनियर दिवस : Check Latest Poem on Engineers Day

Posted on September 15, 2023September 15, 2023 by ANDREW

इंजीनियर दिवस  : हेलो दोस्तो जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि आज के समय में हमारे भारत देश में हुनर की कोई कमी नहीं है। हमारे देश के इंजीनियर्स ने भी दुनिया के हर एक कोने-कोने में अपना नाम बनाया है। देश की प्रगति और विकास में सबसे बड़ा हाथ इंजीनियर्स का ही है। इसलिए इंजीनियरों के सम्मान में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। तो चलिए दोस्तों बिना समय बर्बाद किया आज हम आपको इंजीनियर्स दिवस से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां अपने आर्टिकल के माध्यम से प्रदान करने वाले हैं। यदि आप भी इंजीनियर दिवस के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Also read अज्ञेय ki Kavita 

Table of Contents

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  • इंजीनियर्स डे क्यों और कब मनाया जाता है ?
  • इंजिनियर दिवस पर कविता 
  • 1-इंजीनियर दिवस : विश्व का विकास (मयंक विश्नोई)
  • 2-इंजीनियर दिवस : विकास की गाड़ी (मयंक विश्नोई)
  • 3-इंजीनियर दिवस : सम्मान (मयंक विश्नोई)
  • 4-इंजीनियर दिवस : इंजिनियर 
  • 5-इंजीनियर दिवस : शिखर पर घर बनाता है 

इंजीनियर्स डे क्यों और कब मनाया जाता है ?

महान इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए इंजीनियर्स डे 15 सितंबर को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। महान इंजीनियर ने अपने कार्यों में सफलता हासिल करने के कारण 1955 में भारत रत्न सम्मान भी अपने नाम किया था। दुनिया के सभी इंजीनियरों को सम्मान देने के लिए दुनिया के हर हिस्से में यह अलग-अलग तारीखों में मनाया जाता है। जैसे की अर्जेंटीना में 16 जून,बांग्लादेश में 7 मई, बेल्जियम में 20 मार्च, कोलंबिया में 17 अगस्त, आइसलैंड में 10 अप्रैल,ईरान में 24 फरवरी, इटली में 15 जून, मेक्सिको में 1 जुलाई, रोमानिया में 14 सितंबर और तुर्की में 5 दिसंबर को बड़ी धूमधाम से स्कूल और कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

इंजिनियर दिवस पर कविता 

तो दोस्तों अब हम आपको इंजीनियर दिवस पर लिखी गई कुछ ऐसी कविताओं के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें पढ़कर आपको अवश्य ही ज्ञात हो पाएगा कि हमारे देश के इंजीनियरों ने हमारे देश का गौरव और विकास कितने गुना बढ़ा दिया है तो वह कविताएं कुछ इस प्रकार है कि-

1-इंजीनियर दिवस : विश्व का विकास (मयंक विश्नोई)

इंजीनियर दिवस

विश्व का विकास इन्हीं के श्रम इन्हीं के हाथों होता है,

एक अभियंता ही राष्ट्र की उन्नति के सपने सजोता हैं।

व्याख्या

इस छोटी सी कविता में शेयर मयंक विश्नोई जी द्वारा बताया जा रहा है कि देश की कुछ महान हस्ती उन्नति के सपने सजाती है और विश्व के विकास के लिए अपने ही हाथों से कड़ी मेहनत करती है। इस शायरी का उद्देश्य केवल इतना ही है कि कभी भी कोई इंजीनियर अपनी सहूलियत के लिए कोई भी कार्य नहीं करता बल्कि देश के विकास और लोगों की सहूलियत के लिए आविष्कार करता है।

2-इंजीनियर दिवस : विकास की गाड़ी (मयंक विश्नोई)

विकास की गाड़ी का मुख्य इंजन इंजीनियर ही होता है,

जो लोगों की जिम्मेदारियों का बोझ अपने कंधों पर ढोता है।

व्याख्या

इस शायरी में मयंक बिश्नोई जी द्वारा कहा जा रहा है कि जिस गाड़ी में हम बैठकर 4 घंटे की दूरी केवल 30 मिनट में पूरी करते हैं उसके इंजन बनाने की जिम्मेदारी एक इंजीनियर अपने कंधों पर लेता है। इस शायरी का उद्देश्य केवल इतना ही है कि हमारी साहू लातों को पूरी करने की जिम्मेदारी एक तरह से एक इंजीनियर अपने कंधों पर ले लेता है और उसे बाखूबी निभाते भी है।

3-इंजीनियर दिवस : सम्मान (मयंक विश्नोई)

इंजीनियर दिवस

गर्व से सम्मान करो आप अपने इंजीनियर्स पर,

जो ज़िंदगी खपा देते हैं, सुविधाओं के प्रचार पर।

व्याख्या

इस शायरी में शेयर मयंक बिश्नोई जी द्वारा कहा जा रहा है कि हमें हमारे देश के इंजीनियरों पर गर्व और सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह हमें सुविधा प्रदान करने के लिए अपनी जिंदगी उसमें खपा देता है। इस शायरी का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जिस तरह से मां-बाप अपने बच्चों के सपने पूरे करने के लिए मेहनत करते हैं इसी तरह एक इंजीनियर हमारे भविष्य में तकनीकी सुविधाएं प्रदान करने के लिए दिन-रात मेहनत करता है।

4-इंजीनियर दिवस : इंजिनियर 

इंजीनियर वो होते हैं जो कि अपनी कलम और दीमाग से,

दुनिया का अविष्कार करते हैं।

व्याख्या

इस शायरी के माध्यम से लेखक द्वारा कहा जा रहा है कि जो मनुष्य अपने दिमाग और कलम से अपनी तकदीर बदलने की ताकत रखता है सही मायनों में वही दुनिया का आविष्कार करता है।

5-इंजीनियर दिवस : शिखर पर घर बनाता है 

इंजीनियर दिवस

जो चल कर उपर जाता हैं और गिरता हुआ निचे आता हैं लेकिन,

फिर मुस्कुराता हुआ दौड़कर उपर जाता हैं असल में वही शिखर पर अपना घर बनाता हैं।

व्याख्या

इस शायरी के माध्यम से शेयर द्वारा बताया जा रहा है कि जो व्यक्ति एक चींटी की समान चलकर ऊपर जाता है और चलते-चलते नीचे गिर जाता है उसके बाद भी उसके चेहरे की मुस्कान वैसे ही रहती है और उसमें आगे बढ़ने का जज्बा और ज्यादा बढ़ जाता है। असल में यह वही महान लोग होते हैं जो शिखर पर अपना घर भी बनाते हैं और देश के सम्मान का झंडा भी गाड़ कर आते हैं।

हम उम्मीद करते हैं दोस्तों की हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आपको इंजीनियर डे से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी का ज्ञान अवश्य ही हुआ होगा। आगे भी हम आपके लिए इसी तरह के लेख लिखते रहेंगे और आप हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखें।

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